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Q1 लेखक ने टार्च बेचनेवाली कंपनी का नाम 'सूरज छाप' ही क्यों रखा?
Ans: लेखक ने टॉर्च बेचने वाली कंपनी का नाम सूरज छाप इसलिए रखा था क्योकि जिस तरह सूरज रात के अधेरे के बाद दिन में प्रकाश कहलाता था और किसी को डर नही लगता था उसी प्रकार सूरज छाप रत के अधेरे में सूरज का काम करती थी I
Q2 पाँच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाकात किन परिस्थितियों में और कहाँ होती है?
Ans: पांच साल पहले दोनों दोस्त बेरोजगार है पांच साम बाद दोनों दोस्तों की मुलाकत प्रवचन स्थल पर होती थी उनमे से एक टॉर्च बेचने वाला है तथा दूसरा उपदेश देने वाला बन गया है I
Q3 पहला दोस्त मंच पर किस रूप में था और वह किस अँधेरे को दूर करने के लिए टार्च बेच रहा था?
Ans: पहला दोस्त मंच पर संत की तरह है उसकी वेशभूषा भी संतो की तरह है बहुत सुंदर रेशमी कपड़ो से सजा धजा है वह गुरु गभीर वाणी में प्रवचन दे रहा है और लोग उसके उपदेश को ध्यान से सुन रहे है वह आत्मा की अधेरे को दूर करने के लिए टार्च बेच रहा है उसके अनुसार सारा संसार अज्ञान रूपी अधिकार से गिरा हुआ था I
Q4 भव्य पुरुष ने कहा- 'जहाँ अंधकार है वहीं प्रकाश है।' इसका क्या तात्पर्य है?
Ans: भव्य पुरुष ने अपने प्रवचन में कहा था कि जहां अधकार था वही प्रकाश था जेसे हर रात के बाद सुभ आती थी उसी पकार अंधकार के बाद प्रकाश आता था मनुष्य को अंधकार से डरना नही था आत्मा में ही अज्ञान के अंधकार के साथ ज्ञान की रोशनी भी होती थी जिसे जगाने की जरूरत नही होती थी I
Q5 भीतर के अँधेरे की टार्च बेचने और 'सूरज छाप' टार्च बेचने के धंधे में क्या फ़र्क है? पाठ के आधार पर बताइए।
Ans: भीतर के अधेरे को दूर करने के लिए काम आती थी जहां तक तरफ पहला दोस्त अपने वाणी से लोगो को जागृत करने का कम करता था वह अपने प्रवचनों से लोगो को जागृत करने का काम करता था वह अपनों प्रवचनों से लोगो के भीतर के अंधकार को दूर करना चाहता थे उसका काम लोगो अज्ञान रुपी अंधकार से हटाकर ज्ञान रुपी प्रकाश प्रदान करता था इस प्रकाश सिद्ध पुरुष ही अज्ञान रुपी अंधकार को आत्मा से दूर करता था और लोगो के भीतर ज्ञान रुपी दीपक को जलाना था I
Q6 'सवाल के पाँव ज़मीन में गहरे गड़े हैं। यह उखड़ेगा नहीं।' इस कथन में मनुष्य की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत है और क्यों?
Ans: दोनों दोस्तों ने पैसे कमाने की कई कोशिशे की थी दोनों के मन में गई सवाल आता है कि खूब पैसे कमाए जाते थे लेकिन इसका हल निकालना आसन नही है बहुत कोशिश करने के बाद भी जब जवाब नही मिला था उनमे से एक ने कहा था कि सवाल के पाँव जमीन में गहरे पड़े थे यह
उखडेगे नही यह कथन मनुष्य की उस प्रवर्तीकी और सकेत करता था IQ7 'व्यंग्य विधा में भाषा सबसे धारदार है।' परसाई जी की इस रचना को आधार बनाकर इस कथन के पक्ष में अपने विचार प्रकट कीजिए।
Ans: लेखक हरिशकर परसाई की रचना टॉर्च बेचने वाले एक व्यग्यात्म्क रचना था इस पाठ में लेखक ने समाज में फेले अधविश्वास और पाखडी साधु संत द्वारा रचे गए ढोग से बचकर रहने का सदेश दिया था ऐसे लोग भोली भाली जनता को अधेरे का डर दिखाकर पैसे कमाते थे हमे ऐसे अधविश्वास और पाखड़ो से बचना था इसलिए लोगो ने इन लोगो से बचने की सलाह दी थी I
Q8 टॉर्च बेचने वाले किस प्रकार की स्किल प्रयोग करते हैं? इसका 'स्किल इंडिया’ प्रोग्राम से कोई संबंध है?
Ans: 1. बोलने का तरीका
2. ग्रहाको को आकर्षित करने का तरीका
3. ग्रहाक को हर तरह के फायदे बताना
4. अपने सामान का प्रचार करनामेरे अनुसार यह कला खुद की होती थी या खुद में इसको लाया जाता था किस तरह अपना सामान लोगो तक पहुचता था बेचने वाला तरह तरह के प्रचार प्रसार करता था जिससे खरीदने वाला आकर्षित हो जाता था और सामान खरीदना था I
Q9 लेखक ने ‘सूरज छाप’ टॉर्च को नदी में क्यों फेंक दिया?
Ans: लेखक ने सूरज छाप टॉर्च को नदी में इसलिए फेक दिया था क्योकि उसने सोचा कि इसे टॉर्च बेचने वाले रोजगार से ज्यादा कमाई हो नही रही क्यों ना में भी अपने दोस्त की तरह संत की तरह ज्ञान रुपी अंधकार को दूर भगाऊ इसमें गाडी बगला पैसे सब कुछ थे मेरे काम में तो रुपए पैसे ही नही था इसी सोच की वजह से उसने अपनी पेटी को नदी में फेक दिया था में बिल्कुल भी वैसा नही करता था क्योकि जो रोजी रोटी सच्चाई के साथ कमाई जाए उससे जीने में आनद आता था I