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Q1 इस कविता में बादलों के सौंदर्य चित्रण के अतिरिक्त और किन दृश्यों का चित्रण किया गया है?
Ans: 1. ओस की बूदो को कमलो पर गिरने द्रश्य का चित्रण किया गया था I
2. हिमालय में विधमान झीलों पर हंसो के तेरने के द्रश्य का चित्रण किया गया था I
3. वसंत ऋतु के सुंदर सुबह के द्रश्य का चित्रण किया गया था IQ2 प्रणय-कलह से कवि का क्या तात्पर्य है?
Ans: प्रणय – कहल से कवि का तात्पर्य प्रेम रुपी झगड़ो से थे इस झगड़े में कडवाहट की जगह केवल प्रेम था यह केवल दो प्यार करने वाले जोड़ो के बीच में प्यार की लड़ाई थी कवि चकवा चकवी के बीच इस प्रेम विवाद को दिखाते थे I
Q3 कस्तूरी मृग के अपने पर ही चिढ़ने के क्या कारण हैं?
Ans: कस्तूरी अपने पूरे जीवन में केवल कस्तूरी गंध की खोज में रहता था उसे इस बात का ज्ञान नही था की कस्तूरी उसकी नाभि में था जब वह उसे खोजते खोजते थक जाता था तो वह चिढने लगता था वह अपनी असमर्थता की वजह से परेशान हो जाता था I
Q4 बादलों का वर्णन करते हुए कवि को कालिदास की याद क्यों आती है?
Ans: कालिदास एक ऐसे कवि थे जिन्होंने बादल को अपने रचना मेघदूत में एक दूत के रूप में दर्शाया है धनपति कुबेर के द्वारा एक यक्ष को भगा दिया गया है उस यक्ष ने मेघ को अपना दूत बनाकर अपने अपने प्रिय को सदेश भेजा था कालिदास ने जिन स्थानों का वर्णन किया है उन्हें खोजने के लिए कवि ने बहुत प्रयास किया था I
Q5 कवि ने 'महामेघ को इंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है' क्यों कहा है?
Ans: पर्वतीय इलाको में कैलाश के शिखर पर कवि में बादलों के एक समूह को तूफानों से लड़ते देखा था बहुत बार बादलो के समूह तेज़ हवाओ के साथ टकराते थे जिस वजह में आसमान में बहुत भयकर गर्जना होने लगती थी उन्हें देखकर प्रतीत होता था की वे लड़ते थे इसलिए कवि ने कहा था कि महामेघ को झ्झानिल से गरज गरज भिड़ते देखा था I
Q6 'बादल को घिरते देखा है' पंक्ति को बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या सौंदर्य आया है? अपने शब्दों में लिखिए।
Ans: इस पक्ति का प्रयोग कवि ने टेक के रूप में किया था इसलिए इस पक्ति का उपयोग हर अंतरा के बाद किया जाता था कविता इस तरह से कविता प्रभावशाली हो जाती थी और उसका मूलभाव स्पष्ट हो जाता था इसके प्रयोग के कारण काव्य सोदर्य में भी आश्र्यजनक बदलाव देखने को मिलता था I
Q7 (क) निशा काल से चिर-अभिशापित/बेबस उस चकवा-चकई का
बंद हुआ क्रंदन, फिर उनमें/उस महान सरवर के तीरेशैवालों की हरी दरी पर/प्रणय-कलह छिड़ते देखा है।
(ख) अलग नाभि से उठने वाले/निज के ही उन्मादक परिमल-के पीछे धावित हो-होकर/तरल तरुण कस्तूरी मृग कोअपने पर चिढ़ते देखा है।Ans: इसका उत्तर आप स्वय दे
Q8 (क) छोटे-छोटे मोती जैसे ............... कमलों पर गिरते देखा है।
(ख) समतल देशों में आ-आकर ........... हंसों को तिरते देखा है।
(ग) ऋतु वसंत का सुप्रभात था ............. अगल-बगल स्वर्णिम शिखर थे।
(घ) ढूँढ़ा बहुत परंतु लगा क्या ............. जाने दो, वह कवि-कल्पित था।Ans: इसका उत्तर आप अध्यापक से सलाह करके स्वय दे I