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Q1 कुछ पुरातनपंथी लोग स्त्रियों की शिक्षा के विरोधी थे। द्विवेदी जी ने क्या-क्या तर्क देकर स्त्री-शिक्षा का समर्थन किया?
Ans: 1. प्राचीन काल में भी स्त्रिया शिक्षा ग्रहण कर सकती है सीता , शकुतला , रुक्मणी, आदि महिलाएं इसका उदाहरण थी वेदों पुराणों में इसका प्रमाण भी मिलता था I
2. भारत में वेद मन्त्र और पदों की रचना से लेकर , व्याखान और करनेवाली सुशिश्रित नारिया थी अत: प्राचीन नारियो को शिक्षा से वचित नही कहा जा सकता था I
3. रुक्मणी द्वारा श्रीकृष्ण को पत्र लिखना नारियो के शिक्षित होने का ही प्रमाण था IQ2 ‘स्त्रियों को पढ़ाने से अनर्थ होते हैं’-कुतर्कवादियों की इस दलील का खंडन विवेदी जी ने कैसे किया है, अपने शब्दों में लिखिए।
Ans: दिवेदिजी ने कुतर्कवादियों की स्त्री शिक्षा विरोधी दलीलों को जोरदार खडन किया था अनर्थ नारियो द्वारा होते थे तों पुरुष भी इसमें पीछे नही थे दूसरा तर्क यह था कि शकुतला का दुष्यंत को कुवचन कहना या अपने परित्याग पर सीता का राम के प्रति क्रोध दर्शाना था तीसरा तर्क व्यग पूण तर्क था स्त्रियो के लिए पढना कालकूट और पुरुषो के लिए पीयूष का घुट पी जाना I
Q3 द्विवेदी जी ने स्त्री-शिक्षा विरोधी कुतर्को का खंडन करने के लिए व्यंग्य का सहारा लिया है; जैसे- ‘यह सब पापी पढ़ने का अपराध है। न वे पढ़तीं, न वे पूजनीय पुरुषों का मुकाबला करतीं।’ आप ऐसे अन्य अंशों को निबंध में से छाँटकर समझिए और लिखिए।
Ans: 1. नारियो के लिए पढना कालकूट और पुरुषो के लिए पीयूष का घूट ऐसी ही दलीलों और दुष्टातो के आधार पर कुछ लोग नारियो को अपढ़ रखकर भारतवर्ष का गौरव बढ़ाना चाहते थे I
2. नारियो का किया हुआ अनर्थ यदि पढ़ने का परिणाम था तो पुरुषो का किया हुआ अनर्थ भी उनकी विदया और शिक्षा का परिणाम समझना चाहिए था I
3. आर्य पुत्र शाबाश बड़ा अच्छा काम किया था जो मेरे साथ गाधव विवाह करके मुकर गए थे I नीति न्याय सदाचार और धर्म की आप प्रत्यक्ष मूर्ति थी IQ4 पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना क्या उनके अपढ़ होने का सबूत है। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
Ans: पुराने जमाने की नारिया द्वारा प्राकर्त में बोलना उनके अपढ़ होने का प्रमाण नही था क्योकि बोलचाल की भाषा ही है जिस तरह आज हिंदी जन सधारण की भाषा थी यदि हिंदी बोलना और लिखना अपढ़ और अशिक्षित होने का प्रमाण नही था I
Q5 परंपरा के उन्हीं पक्षों को स्वीकार किया जाना चाहिए जो स्त्री-पुरुष समानता को बढ़ाते हों-तर्क सहित उत्तर दीजिए।
Ans: हमारी परम्परा वेसे भी काफी पुरानी थी जरुरी नही की हमें सारी बाते अपनानी ही थी जो अपनाने योग्य बाते नही थी हमें वही अपनानी चाहिए जहा तक परपरा का प्रश्न था परपराओ का स्वरूप पहले से बदल गया था प्राचीन परम्पराए कही कही पर स्त्री-पुरुषो में अतर करते है परन्तु आज स्त्री पुरुष का समान था I
Q6 तब की शिक्षा प्रणाली और अब की शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर है? स्पष्ट करें।
Ans: पहले की शिक्षा प्रणाली और आज की शिक्षा प्रणाली में बहुत परिवर्तन आया था तब की शिक्षा प्रणाली में नारियो को शिक्षा से वचित रखा जाता है पहले शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को गुरुकुल में रहना जरूरी है परन्तु आज शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदयालय था पहले शिक्षा एक वर्ग तक सीमित है I