Kabir Sant Kavya: कबीर संत काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ

Sant Kavya: हिंदी साहित्य के इतिहास में मध्यकाल के पूर्व भाग को भक्तिकाल की संज्ञा दी गई हैं। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने इसकी समय सीमा संवत् 1375 – संवत् 1700 तक स्वीकार की है। भक्तिकाल हिंदी साहित्य का “स्वर्णयुग ” है। भक्तिकाल की दो प्रमुख काव्यधाराएँ हैं – निर्गुण काव्यधारा सगुण काव्यधारा निर्गुण के अंतर्गत … Continue reading Kabir Sant Kavya: कबीर संत काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ